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हम और तुम-6 / बोधिसत्व
Kavita Kosh से
यदि हमने न लिखा होगा सर्वत्र एक-दूसरे पर तो
कैसे कहोगी कि यह जो मेरी काया है वह काया सर्वांग तेरी है
और मैं भी अंधकार के सात आवर्तों के बीच कैसे कभी पहचानूँगा कि
यह जो तेरी काया है वह तो सर्वांग मेरी है
देखो इस पर यह यहाँ लिखा है मैंने कुछ
ये देखो ये
हमारे चिह्न यहाँ अंकित हैं
तो आओ अंकित करें एक-दूसरे पर
हम तुम अपने नाम अपने चिह्न ।