हम छी आइ बड्ड उदास तोरा बिनु
जिनगीमे किछु नै छै खास तोरा बिनु
मुँह मोडि लेले नै घुरि कऽ तकले तूँ
दुनियासँ करब की आस तोरा बिनु
चारु दिस महले महल ऐँठाँ मुदा
एहि शहरमे नै छै बास तोरा बिनु
हिया बनि गेल अछि नीरस एहन
नै बीते दिन राति आ मास तोरा बिनु
जीविते जिनगी मरि रहल नीतीश
आगू चलत कोना ई सांस तोरा बिनु