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हम तुम्हारे तुम हमारे इसमें है शंका नहीं / कैलाश झा ‘किंकर’

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हम तुम्हारे तुम हमारे इसमें है शंका नहीं
रोज़ चमकेंगे सितारे इसमें है शंका नहीं।

ज़िन्दगी के मोड़ पर खुशियाँ खड़ी स्वागत में जब
सब बनेंगे अब सहारे इसमें है शंका नहीं।

दिल मचलता है सुमन का हर तरफ़ अच्छी ख़बर
सजते जाएँगे नजारे इसमें है शंका नहीं।

सबकी ख़ातिर इस जहाँ में बन ही जाती है जगह
ख़्वाब सच होंगे तुम्हारे इसमें है शंका नहीं।

तैरने वालों के दिल में ख़ौफ़ क्या मँझधार का
पा ही लोगे तुम किनारे इसमें है शंका नहीं।