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हम तुम युग युग से ये गीत मिलन का / आनंद बख़्शी
Kavita Kosh से
हम तुम युग युग से ये गीत मिलन का
गाते रहे हैं गाते रहेंगे
हम तुम, जग में जीवन साथी बनकर
आते रहे हैं, आते रहेंगे
हम तुम ...
जब जब हमने जीवन पाया
तेरा ही रूप सजा सजना
हर बार तुम्हीं ने माँग भरी
तुम्हीं ने पहनाया कँगना
हम फूल बने या राख हुए
पर साथ नहीं छूटा अपना
हर बार तुम्हीं तुम आन बसे
इन आँखों में बनकर सपना
हम तुम ...
हम आज कहें तुमको अपना
तुम भी किसी रोज़ पराये थे
दुनिया समझी हम बिछड़ गये
ऐसे भी ज़माने आये थे
लेकिन वो जुदा होनेवाले
हम नहीं हमारे साये थे
हम तुम ...