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हम दीवाने तेरे दर से नहीं टलनेवाले / राजा मेंहदी अली खान

हम दीवाने तेरे दर से नहीं टलनेवाले
और मचलेंगे अभी तुझपे मचलनेवाले

फूल सा रंग भी है, हुस्न भी है, रूप भी है
अरे फूल सा रंग भी है और हुस्न भी है, रूप भी है
फिर मेरे इश्क़ का सूरज भी है और धूप भी है
अब तो ये प्यार के साए नहीं ढलने वाले
और मचलेंगे अभी तुझपे मचलनेवाले
हम दीवाने तेरे दर से नहीं टलनेवाले

बेरुखी ने तेरी ज़ालिम हमें बरबाद किया
ऐसे भूले के न भूले से हमें याद किया
फूल-से दिल को निगाहों से मसलनेवाले
हम दीवाने तेरे दर से नहीं टलनेवाले

फ़िल्म : नक़ली नवाब (1962)