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हम ने जीअब बिनु राम हे जननी, हम ने जीअब बिनु राम / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हम ने जीअब बिनु राम हे जननी, हम ने जीअब बिनु राम
होइत प्रात ओहि वन जायब, जहाँ भेटल सीता राम
हे जननी, हम ने जीअब बिनु राम
कपटी कपटिन बसु जाहि नग्रमे, अग्नि लगायब ओहि ठाम
हे जननी, हम ने जीअब बिनु राम
माता-पिता एकहु ने संबल, केवल सीता राम
हे जननी, हम ने जीअब बिनु राम
सुन्दर मुनि सब अपजस देलनि, धरि तोहर एहि काम
हे जननी, हम ने जीअब बिनु राम
राम लखन-सिया वनकऽ सिधारल, नृपति तेजलनि धाम
हे जननी, हम ने जिअब बिनु राम