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हम ने तो तुझे प्यार का पैग़ाम दिया था / रंजना वर्मा

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हमने तो तुझे प्यार का पैगाम दिया था
तूने न मगर हम को कभी याद किया था

यादेँ थीं तसव्वुर था तेरे ख़्वाब भी देखे
तू ने मगर जफ़ा का ही इल्ज़ाम दिया था

जाना न कभी हम ने कि तू बेवफ़ा हुआ
कैसे तू बता तुझ को ये इलहाम हुआ था

था इश्क़ लाइलाज नहीं मिलतीं दवायें
इस मर्ज़ का हकीम यहाँ सिर्फ़ खुदा था

वादों पे भरोसा किया ये मेरी खता थी
तू ने न भरोसे का कभी नाम लिया था

तू भूल गया जा है तुझे माफ़ कर दिया
हमने तो तुझे बार बार याद किया था

मैय्यत पे है क्यूँ आ गया यूँ अश्क़ बहाने
आँखे खुली थीं हम ने देख लिया था