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हम पराए तो नहीं बात ये सोची होती / रोशन लाल 'रौशन'
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हम पराए तो नहीं बात ये सोची होती
अपने बारे में मेरी राय तो पूछी होती
ज़िन्दगी आज तुझे मिल के मैं शर्मिन्दा हूँ
काश ! मैंने तेरी तस्वीर न देखी होती
हब्स के गार में ये दम तो न घुटता इतना
दिल की दुनिया मेरे माहौल से छोटी होती
बेरुखी मुझसे न बरता करो ऐसी जानाँ
आज तो तुमने मेरी जान ही ले ली होती