हम भारत के श्रेष्ठ नागरिक / महावीर प्रसाद ‘मधुप’
हम भारत के श्रेष्ठ नागरिक हमें मान भारत का।
गीता वेद कुरान हमारा संविधान भारत का॥
अटल हिमालय जैसे हम कर्त्तव्यों के पालन में
कभी किसी के लिए न रखते वैर-भावना मन में
रहा सदा विश्वास हमारा उन्नति और अमन में
सुख मिलता हमको सामाजिक नियमों के बन्धन में
लोकतंत्र रवि के समान है प्रभावान भारत का।
गीता वेद कुरान हमारा संविधान भारत का॥
जिस धरती पर जन्म लिया वह धरती सब की माता
माँ का सच्चा पूत वही जो अपना धर्म निभाता
सब से ऊँचा है दुनिया में माँ-बेटे का नाता
पथ पर चलते रहने से गन्तव्य स्वयं मिल जाता
गाता है संसार आज भी सुयशगान भारत का।
गीता वेद कुरान हमारा संविधान भारत का॥
सत्य-अहिंसा के सुमनों की सुरभि यहाँ फेली है
सदाचार से युक्त हमारे जीवन की शैली है
नहीं किसी के पास विषमता की चादर मैली है
भरी स्नेह सौजन्य सम्पदा से मन की थैली है
राष्ट्रप्रेम का है प्रतीक हर नौजवान भारत का।
गीता वेद कुरान हमारा संविधान भारत का॥
कर्मभूमि कर्मठ जन की पुरुषार्थ यहाँ पलता है
दीप निरन्तर न्याय-नीति का अन्तर में जलता है
नहीं किसी के अधिकारों पर दमन-चक्र चलता है
कोई अपने लक्ष्य मार्ग से नहीं कभी टलता है
तीन रंग का सब से न्यारा है निशान भारत का।
गीता वेद कुरान हमारा संविधान भारत का॥