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हम यहीं रहते हैं / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
हम यहीं रहते हैं
न पूछो : कहाँ ?
मनस्वी आकाश
के नीचे,
- नदिया
पहाड़ों के बीच,
दुधार नदियों के साथ,
- खेलते,
- कूदते,
हँसते-गाते,
जीते ।
कोई है
- जो हमारी
बराबरी कर सके !