हम रहें या न रहें देश बचाये रखना।
हर चमन फूल खिले बाग सजाये रखना।।
आग लगती न कहीं यार बिना माचिस के।
गर कहीं आग लगे आग बुझाये रखना।।
आदमी रूप बदलकर न ठगे हम सबको।
द्वार आये न कभी द्वेष भगाये रखना।।
शाम ढलती न ढले रात बितायें कैसे।
कल सुबह धूप उगे छाँव बनाये रखना।।
ज़िंदगी खाक न हो ख्याल हमेशा रखना।
पाक का होश उड़ा रंग जमाये रखना।।