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हम रहें या न रहें देश बचाये रखना / अवधेश्वर प्रसाद सिंह

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हम रहें या न रहें देश बचाये रखना।
हर चमन फूल खिले बाग सजाये रखना।।

आग लगती न कहीं यार बिना माचिस के।
गर कहीं आग लगे आग बुझाये रखना।।

आदमी रूप बदलकर न ठगे हम सबको।
द्वार आये न कभी द्वेष भगाये रखना।।

शाम ढलती न ढले रात बितायें कैसे।
कल सुबह धूप उगे छाँव बनाये रखना।।

ज़िंदगी खाक न हो ख्याल हमेशा रखना।
पाक का होश उड़ा रंग जमाये रखना।।