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हम लुका-छुपी खेलेंगे / विम्मी सदारंगाणी
Kavita Kosh से
जब हिटलर सो रहा होगा
और गांधी अपना चरखा कातने में मग्न होगा
उस वक़्त
हम लिका-छुपी खेलेंगे।
सिन्धी से अनुवाद : स्वयं कवयित्री द्वारा