हम सब भाई भाई / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

हम सब भाई भाई भारत-
माता की संतान हैं।

हिन्दू मुस्लिम सिक्ख पारसी
बौद्ध जैन क्रिस्तानी;
हिन्दुस्तान हमारा सबका
हम सब हिन्दुस्तानी।
एक देश के रहने वाले
हम सब एक समान हैं॥1॥

ये मन्दिर, ये मसजिद, ये
गिरिजाघर, ये गुरुद्वारे,
हैं पवित्र, पावन, शुचि ये सब
ही के लिए हमारे।
सबके वेद पुराण, बाइबिल
गीता, ग्रन्थ, कुरान हैं॥2॥

उत्तर में कश्मीर, कुमारी
कन्या तक दक्षिण में;
पूरब में आसाम, कच्छ,
गुजरात तलक पश्चिम में।
एक देश है, एक राष्ट्र है,
एक हमारे प्राण हैं॥3॥

राम कृष्ण गौतम नानक
गांधी की यह धरती है;
ईशु मुहम्मद की संदेश-
सरित इस पर बहती है।
मिले हमें इनसे जीवन-पथ
के आदर्श महान हैं॥4॥

चक्र चिह्न-युत राष्ट्रीय ध्वज
एक तिरंग हमारा,
‘जन गण मन अधिनायक जय हे’
एक गीत है प्यारा।
एक हमारे सब के सुख-दुख
अश्रु और मुसकान हैं॥5॥

अलग-अलग भाषाएँ, लेकिन
भाव एक ही सबके,
अलग-अलग हैं वेष, किन्तु
विश्वास एक हम सब के।
एक राग, स्वर, ताल, छंद, लय,
एक हमारे गान हैं॥6॥

गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र
नर्मदा सिंध के जल से
सिंचित है यह भूमि, सुशोभित
विन्ध्य, सिन्धु हिमगिरि से।
न्योछावर इस पर हम सबके
तन मन धन औ’ प्राण हैं॥7॥

सब हों सुखी, स्वस्थ सुन्दर, यह
ध्येय एक अपना है,
सत्य अहिंसा प्रेम शान्ति का
पंथ एक अपना है।
विश्व हमारे लिए एक है,
सब इंसान समान हैं॥8॥

18.11.1961

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