भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हम स्वागत गान सुनायें क्या? / बलबीर सिंह 'रंग'
Kavita Kosh से
सन् 1040 में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के एटा आगमन पर कवि द्वारा भेंट मानपथ-जो आज भी नेताजी बोस संग्रहालय कलकत्ता में सुरक्षित है।
हम स्वागत गान सुनायें क्या?
ओ विप्लव गायन के गायक
स्वातन्त्र्य समर के नवनायक
जीवन के नवजीवन दायक
शब्दों से तुम्हें सजायें क्या?
हम स्वागत गान सुनायें क्या?
हम दीन हीन मन से मलीन
पाकर तुम जैसा रस प्रवीण
जग हमको कहता पराधीन
यह दुःख अपना समझायें क्या?
हम स्वागत गान सुनायें क्या?
जिस संस्था के हैं आप नूर
वह करती तुमको दूर-दूर
तब हो जाता मन चूर-चूर
हम इसका भेद बतायें क्या?
हम स्वागत गान सुनायें क्या?
हम पड़े आज पर के पाले
तुम स्वतन्त्रता के मतवाले
तुम बंगाली विषयर काले
काले पर रंग चढ़ायें क्या?
हम स्वागत गान सुनायें क्या?