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हम हम हैं / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित
Kavita Kosh से
मरने को दौड़ रहे हम
पैसे की हाय-हाय में
तीन मंजिला मकान
बी एम डब्ल्यू
मर्सीडिज का
सपना देखते, दिखाते
दो नंबर की नकदी को
एक नंबर में करते
हमलोग
कितने शालीन हैं
सफेदी में अकड़े हम
सच्चे भारतीय हैं
खाते में मात्र
कुछ रूपए हैं
बाकी ‘अदृश्य’ है
ये मॉल ये पी वी आर
सब हमारे हैं
ये रेस्ट्रां ये मयकदा
ये भी हमारे हैं
ये पुलिसिए ये सुरक्षा
ये रक्षा कवच
ये सब हमारे हैं
यानि हम हम हैं
जब तक धरे ना जाएं