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हम हिंदुस्तानी हैं / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
बच्चो कहो प्रेम से हम,
सब हिन्दुस्तानी हैं।
भरत वंश के ध्वज वाहक,
हम अमर कहानी हैं।
वेद ऋचाओं वाली माँ,
भारत के रहवासी।
दिल में रखते प्यार और,
आँखों में पानी है।
दया धर्म का सदियों से,
सबसे अपना नाता।
संग साथ रहने में ही,
सबको आसानी है।
खून खराबा करना यह,
है नहीं सोच अपनी।
मदद ग़रीबों की करना,
यह रीति पुरानी है।
सत्य अहिंसा बापू से,
हम सबने सीखी है।
यहाँ निकलती कंठों से,
प्रिय, मीठी वाणी है।
सदा सहायक बनकर हम,
सब सेवा करते हैं।
दादाजी से सब बातें,
ये हमने जानी हैं।
पश्चिम वालों की हमने,
करतूतें देखी हैं।
पश्चिम वालों की सूरत,
हमनें पहचानी है।
इसी लिए तो बार-बार,
बच्चो तुमसे कहते।
बड़े गर्व से बोलो कि,
हम हिंदुस्तानी हैं।