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हम / बालस्वरूप राही
Kavita Kosh से
पूछ रहे क्यों कैसे हैं,
हम क्या ऐसे-वैसे हैं!
चमक रहा चेहरा चम-चम,
गाल टमाटर जैसे हैं!
उल्टा-सीधा खाते कम
हँसते रहते हैं हरदम!
जूस पिया करते ठंडा,
खाना खाते गरम-गरम!