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हरा इक पेड़ काटा जा रहा है / प्रताप सोमवंशी

हरा इक पेड़ काटा जा रहा है
हमें प्रतिशत में बांटा जा रहा है

इधर दीवार ऊंची हो रही है
उधर खांई को पाटा जा रहा है

तुम्हारे हौसले बढ़ने लगे हैं
तुम्हारा नाम छांटा जा रहा है

बता आया है कि पापा हैं घर में
उसे जोरों से डांटा जा रहा है

हमारे हाथ में हथियार देकर
हमारा हाथ काटा जा रहा है