भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हरा समंदर / प्रकाश मनु

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हरा समंदर, गोपी चंदर,
जादू है क्या इसके अंदर?
रंग-रंग की खूब मछलियाँ,
करतीं इसमें जगर-मगर हैं,
इधर डॉलफिन घूम रही हैं
उधर घूमते महा मगर हैं।
ओहो, कैसे-कैसे पौधे,
लगते जैसे जादू वाले,
इसके अंदर पूरी दुनिया
लेकिन उसको कौन सँभाले?
राज बताए कौन मछंदर?
हरा समंदर, गोपी चंदर,
जाने क्या है इसके अंदर?