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हरित क्रांति / धूमिल

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इतनी हरियाली के बावजूद

अर्जुन को नहीं मालूम उसके गालों की हड्डी क्यों

उभर आई है । उसके बाल

सफ़ेद क्यों हो गए हैं ।

लोहे की छोटी-सी दुकान में बैठा हुआ आदमी

सोना और इतने बड़े खेत में खड़ा आदमी

मिट्टी क्यों हो गया है ।