Last modified on 19 मार्च 2019, at 13:13

हरि नाम के जपन से है मुक्ति पास आती / रंजना वर्मा

हरि नाम के जपन से है मुक्ति पास आती
बहती पवन हमेशा खुशबू नयी उड़ाती

सूरज बिना जगत में होता नहीं सवेरा
यदि चाँद ही न होता रजनी किसे सुहाती

जो कर्म शील होते थक कर न बैठते हैं
हर हार है हृदय में आशा नयी जगाती

विश्वास की कहानी होने लगी पुरानी
आशा किरण न कोई है रोशनी दिखाती

है प्यास की नदी इक बहती यहाँ निरंतर
है तृप्ति नहीं मिलती जिसको न मुक्ति भाती