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हरि भज ले हरि भज ले / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हरि भज ले हरि भज ले
हरि भजणै का मोका सै
ये चलती दुनियां सै
टिकट ले हम बी बैठांगे
संभल कै चलणा रे भइआ
पराए संग मैं धोखा सै
हरि भज ले हरि भज ले
हरि भजणै का मोका सै
तेरे माता पिता बन्धु
जगत साथी ना तेरा कोए
जिसे तू आपणा समझै
सरासर उन ते धोखा सै
हरि भज ले हरि भज ले
हरि भजणै का मोका सै