भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हरि मेरा बेड़ा पार करो / शिवदीन राम जोशी
Kavita Kosh से
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
हरि मेरा बेड़ा पार करो |
दया राह शिवदीन दीन की विनती चित्त धरो ||
नाना दुःख सहे बहुतेरे, काम क्रोध लोभादि घेरे |
कहाँ शान्ति है इस दुनियां में, भ्रम भव दुःख हरो ||
भटक्यो जनम-जनम धर योनी, आशा तृष्णा छांडे कोनी |
जनम मरण का चक्कर अद्भुत, जनमों और मरो ||
अबकी बेर पार कर नैया , राम सियावर कृष्ण कन्हैया |
और उपाय कछु ना सूझत , यांते शरण परो ||
नरतन सफल बने बनि जाये,प्रेमभक्ति मन सहज ही पावे |
पारस परसि कुधातु लोहा , सुवरण होय खरो ||
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।