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हरी मेरे जीवन प्रान अधार / मीराबाई
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राग हमीर
हरी मेरे जीवन प्रान अधार।
और आसरो नाहीं तुम बिन तीनूं लोक मंझार॥
आप बिना मोहि कछु न सुहावै निरख्यौ सब संसार।
मीरा कहै मैं दासि रावरी दीज्यो मती बिसार॥
शब्दार्थ :- आसरो = सहारा। मंझार =में। रावरी =तुम्हारी।