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हरी रोशनाई / राजेश जोशी
Kavita Kosh से
(नरेन्द्र जैन के लिए)
दोस्त के पेन में
हरी रोशनाई थी
जिससे वह
प्रेम-कविताएँ लिखता था।
दोस्त को
एक दूसरे दोस्त को
दिखाते हुए
मैंने कहा
पेड़
पेड़ हवाओं पर पत्ते लिख रहा है
पत्तों में
एक औरत
हरी ऊन का स्वेटर बुन रही थी।