भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हर एक जानवर की रिहाई का फ़ैसला / के. पी. अनमोल
Kavita Kosh से
हर एक जानवर की रिहाई का फ़ैसला
हैरान हूँ मैं सुन के कसाई का फ़ैसला
आया है शह्र भर की भलाई का फ़ैसला
लेकिन वो अस्ल में है कमाई का फ़ैसला
बेटी की ख़ैर, एक दो माँगों के ही एवज़
टाला भी कैसे जाए जमाई का फ़ैसला
राखी करेगी माँग किसी दिन कलाई से
थोपा न जाय बहनों पे भाई का फ़ैसला
दहशत के मारे भाग गये दश्त की तरफ
लफ़्ज़ों ने सुन लिया था छपाई का फ़ैसला
लड़कर हमारे पुरखों को हासिल हुआ न कुछ
फिर कर रहे हैं हम क्यों लड़ाई का फ़ैसला
अनमोल एक रोज़ मिलेंगे ज़रूर दिल
है ठीक तेरा हाथ मिलाई का फ़ैसला