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हर किसी के हाथ में / हरिवंश प्रभात
Kavita Kosh से
हर किसी के हाथ में, सम्मान होना चाहिए,
दिल में सबके वास्ते स्थान होना चाहिए।
कार्य संपादन मगर अपनी सीमा आधार हो
सादगी, सौहार्द, मर्यादा लिये व्यवहार हो,
मन किसी का ना दुखे, यह ध्यान होना चाहिए।
दिल में सबके वास्ते......
खूब अवलोकन करें दिन भर किये जो कार्य हैं
अनुसरण पथ का करें जो सर्वथा स्वीकार्य हैं,
भावना में विश्व का कल्याण होना चाहिए।
दिल में सबके वास्ते....
खोके भी सम्मान जिये तो भला तुम क्या जिये
देश का गौरव बने ना तो भला तुम क्या किये,
‘सरफरोशी की तमन्ना’ गान होना चाहिए।
दिल में सबके वास्ते....
खुश रहें और खुश रखें इससे बड़ी ना ज़िंदगी
निर्बलों का साथ देने से बड़ी ना बंदगी,
दृष्टि पावन से मिलन भगवान होना चाहिए।
दिल में सबके वास्ते....