भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हर तरफ़ काला कानून दिखाई देगा / बल्ली सिंह चीमा
Kavita Kosh से
हर तरफ़ काला कानून दिखाई देगा ।
तुम भले हो कि बुरे कौन सफ़ाई देगा ।
सैकड़ों लोग मरे, क़ातिल मसीहा है बना,
कल को सड़कों पर बहा ख़ून गवाही देगा ।
वो तुम्हारी न कोई बात सुनेंगे, लोगो !
शोर संसद का तुम्हें रोज़ सुनाई देगा ।
इस व्यवस्था के ख़तरनाक मशीनी पुर्ज़े,
जिसको रौंदेंगे वही शख़्स सुनाई देगा ।
अब ये थाने ही अदालत भी बनेंगे ’बल्ली’
कौन दोषी है ये जजमेंट सिपाही देगा ।