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हर तरफ शोर यह कैसा सुनाई देता है / नन्दी लाल
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हर तरफ शोर यह कैसा सुनाई देता है।
जहाँ देखो वहाँ पर वो दिखाई देता है।
वो अंधेरे में हैं तुमको नजर नहीं आते,
उसके जलने से तो सब कुछ दिखाई देता है।
हमारे मन में कोई पाप अब नहीं बाकी,
ये दिल इस बात की पूरी सफाई देता है।
एक ही बार में सब ठीक हुआ करता है,
मर्ज कैसा भी हो नेता दवाई देता है।
जिस तरह चाहे चलाना वो चलाए घर को,
मर्द बीवी को तो पूरी कमाई देता है।
जीत जाने की खुशी में अभी से पागल है,
हार जाने की भी कोई बधाई देता है।