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हर तीरगी में घुस के चिरागाँ करेंगे हम। / कैलाश झा 'किंकर'

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हर तीरगी में घुस के चिरागाँ करेंगे हम।
बायाँ किया करेंगे वह दायाँ करेंगे हम॥

सोये हुए हैं चैन से अपनी लहद में ही
अबकी जगा दिया तो नुमायाँ करेंगे हम।

ज़ाहिर न होने देना तू अपनी ख़ुशी कभी
सुन प्यार-प्यार प्यार फ़ुरोजाँ करेंगे हम।

उस्ताद तेरे काम को सबका सलाम है
दुनिया में तेरे नाम को याँ-वाँ करेंगे हम।

वादा है तेरे साथ रहेंगे तमाम उम्र
शिकवे-गिले से भी न परेशां करेंगे हम।