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हवाओ को घर का पता यूं बताना / राजेश चड्ढा

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हवाओं को घर का पता यूं बताना,
मुंडेरों पे जलता दिया छोड़ आना।

गीत-ओ-ग़ज़ल की जो लय ना बने तो,
पीड़ा की बंदिश पे शब्दों को गाना।

पुराने ताल्लुक में दम ना रहे तो,
रिश्तों की मण्डी में बोली लगाना।