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हवा हथियार है / सांवर दइया
Kavita Kosh से
मैं चीखता-चिल्लाता हूं
लेकिन आप नहीं सुनते
एक बहरापन पसरा है
मेरे और आप के बीच
मैं तड़फता-छटपटाता हूं
लेकिन आप नहीं देखते
एक चुंधियाहट फैली है
मेरे और आप के बीच
मैं करता हूं अनुनय-विनय
लेकिन आप गौर नहीं करते
पगलपन पसरा है
एक सनक-सी फैली है
मेरे और आप के बीच
लेकिन
अब नहीं सहूंगा
यह बहरापन
यह चुंधियाहट
यह सनक
आप के खिलाफ हो रही है हवा
जो मेरी
और मुझ जैसों की बढ़ाती है हिम्मत
अब हमारे लिए
यह हवा हथियार है ।
अनुवाद : नीरज दइया