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हसीन अपना / चंद ताज़ा गुलाब तेरे नाम / शेरजंग गर्ग
Kavita Kosh से
दर्द को जब कभी दुखी देखा
आँसुओं के करीब देखा है,
जितना ज़्यादा हसीन सपना था
उतना ज़्यादा ग़रीब देखा है।