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हाँ मुसलमान, नहीं मुसलमान / नोमान शौक़
Kavita Kosh से
वे
जो कभी नहीं रहे
मुसलमानों के मुहल्ले में
गंदगी के डर से
जिन्होंने अहमद, मुहम्मद या अली
नहीं लगाया अपने बच्चों के नाम के साथ
मक्का या मदीना की जगह
फ़िल्मी अभिनेता या अभिनेत्री की
तस्वीरें टांग रखी हैं जिन्होंने
कमरे की दीवारों पर
पता तक नहीं वज़ू करते समय
कितनी बार धोते हैं हाथ
कौन था उनके पूर्वजों में
मस्जिद जाने वाला आख़िरी शख्स
जिन्हें याद नहीं
क़ुरआन की एक आयत तक
जो कभी नहीं डरे ख़ुदा से भी
आज दुबके पड़े हैं
अपने ही घर के किसी कोने में
अपनी पहचान ज़ाहिर हो जाने के डर से !