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हाँ रे, काँची-काँची बँसवा हो जोगी / भोजपुरी
Kavita Kosh से
हाँ रे, काँची-काँची बँसवा हो जोगी, आइहो रामा,
बँसिया बनावे, बँसिया हो बनावे।
आरे, सबके हो नगरिया हो जोगी,
बँसिया को बजावे, आहो राम, बँसिया हो बजावे।
आरे, हमरे त नगरिया हो जोगी, कहो नहीं आवे।।१।।
हाँ रे, कइसे के जइब सँवरो, कइसे, आहो रामा तोहरी नगरिया,
हाँ रे, कुकुरा झुकेले आहो सँवरो, पहरू हो जागे।।२।।
हाँ रे, कुकुरा के देब हो जोगी, दही-दूध-भाते, आहो रामा, दही-दूध-भाते
पहरु के आहो रे जोगी मदिला रे मताई,
हाँ रे, पहरु के आहो रे जोगी, मदिला मताई।।३।।
खोलू घनि, खोलू घनि, आहो रामा, बजर कँवरिया,
आरे दुअरा ही सूतल वारे सामीजी हमारे।
हाँ रे, दुअरा ही सूतल बारे सामीजी हमारे।।४।।