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हाँ रे, पूरुबहिं उगेले चान-सूरज हे / भोजपुरी

हाँ रे, पूरुबहिं उगेले चान-सूरज हे, हाथ लेले धेनुखा चढ़ाय
गइल में दुई जना, अइल में अकसर, कहवाँ गँवयल जेठ भाय।।१।।
हाँ रे, तोहरो बियहुआ भउजी बाड़ा रंगरसिया, बिजुबन खेलल सिकार
हाँ रे, हरना के मांस भउजी रकत बरन भइले, मँजुरा के मांस हरदीगूद।।२।।
काटइत ठाक-ठुइयाँ, रिंझइत छनन-मनन, रचइत आहे भउजी नैना ढरे लोर।।३।।
जनि रोउ, जनि कानू तूहूँ मोर भउजी, कि जनि चित करहु उदास
ऊँची त ओरियवा के सिरि बँसहर घर, ताही में बिछावहु खाट।।४।।
अगिया लगइबों सिरि बँसहर घर, बजर परइबों तोरे खाट
लेहू रे चेरी; बेटी खाट उठावहु, ओही रे कदम जुड़ी छाँह।।५।।