हाँ रे, सूतल रहलीं कदम जुड़ि छहियाँ वंस धइलीं सिरहाने।।१।।
आहो रामा कवने निरमोहिया बंसिया बजावे, कि चिहुँकि उठेले जीव मोर रे।।२।।
हाँ रे, सूतल रहलीं कदम जुड़ि छहियाँ वंस धइलीं सिरहाने।।१।।
आहो रामा कवने निरमोहिया बंसिया बजावे, कि चिहुँकि उठेले जीव मोर रे।।२।।