हाँ रे पुरुब हीं देसवा राजा लामी गइल हो / भोजपुरी
हाँ रे पुरुब हीं देसवा राजा लामी गइल हो,
घरे-घरे बेनुहजरा रे बेगरी चलावे।।१।।
हाँ रे, अबकी बेगरिया सँवरो पलहा तोहारे।।२।।
हाँ रे, लेई ले आहो सँवरो दमड़ी-कउड़िया,
हाँ रे, चलि भइले आहो सँवरो, हटिया-बाजारे।।३।।
कीनी लेले गुअवा, बेसाही लेले पाने,
चलि भइले आहे सँवरो, महतो दुआरे,।।४।।
खाई लेहु गुअवा, चबाई लेहु पाने,
अबकी बेगरिया महतो, माफ कई लेहु।।५।।
हाँ रे, फेंकी दिहले गुअवा, पवारी दिहले पाने,
कि जाये के परिहें सँवरो, डोलाखा नेपाले।।६।।
बन्हलो में चिउरा-चिउरा तबो भइले थोरे,
हाँ रे, लेई लिहे आरे भरिहा, डोंगा भरि तेले।।७।।
कानारी बइठी सँवरो, भरिहा सिखावे,
हाँ रे, आगे जनि रहिए भरिहा रे, पीछे जनि रहिहे,
हाँ रे, बीचे-बीचे आरे भरिहा, चढ़िहे पहाड़े।।८।।
हाँ रे तरे गड़े गठरी, ऊपरे जाँते मारे,
कि सुसुकि-सुसुकि भरिहा, चढ़ले पहाड़े।।९।।
चढ़लो में परबत, हेरले मघेसे,
हाँ रे अब ना होइहें दइवा, तरुनी से भेंटे।।१0।।
हाँ रे खलवा ही मारे महतो, नीचवा गिरावे,
उहँवा से, आरे महतो, अइले दुआरे।।११।।
सबके भरिहवा महतो, घर-घर देखों
कि बबुआ हमरो महतो, कहँवा सिधारे।।१२।।