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हांसी सहर से पाते मंगवा दो / हरियाणवी

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हांसी सहर से पाते मंगवा दो
सिरसे के छीपी से रंगवा दो
गाढ़ा मारा जी पीलो रंगवा दो
पीलो ओढ़ म्हारी जच्चा पाणी ने चाली
लाल पड़ोसिन मुख मोड़ा
गाढा मारा जी पीलो रंगवा दो
एडा तो शेड़ा साहबा मोर पपीहा
घूंघट पर सान्ती ओम लिखा दो
पति प्यारा जी पीलो रंगवा दो
पीलो ओढ़ म्हारी जच्चा खेत ने चाली
ननद जेठानी बिलराव
पति प्यारा जी पीलो रंगवा दो