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हाइकु11 / लक्ष्मीनारायण रंगा

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आज संबंध
घड़ी री सूइयां ज्यूं
मिलै-बिछड़ै


दरपण तो
नीं करै गै‘रो घाव
आंख रो दाई


बादळ नईं,
बाप हुवै अकास
सदा छायो रै