भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हाइकु - 2 / ऋता शेखर 'मधु'

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

11.
मन में दर्जी /
शब्द काटना सीना /
कवि की मर्जी
12.
जग सागर /
मछुआरे की खुशी /
जाल की मीन
13.
पावस धोबी /
धो रहा फूल शूल /
भेद न भाव।
14.
नभ में घन /
नैनों संग काजल /
प्रेम मिलन।
15.
विरही मन /
कोयल की कूक में /
दिल की हूक।
16.
पुष्पवाटिका /
मिलन का माधुर्य /
राम-जानकी।
17.
रात पूनम /
मचलता सागर /
खिलता चंद्रमा।
18.
खिलती कली /
पवन का हिंडोला /
खुश्बू की पींगें।
19.
दूब पर ओस /
तलवों की ठंडक /
नैनों की ज्योति।
20.
लम्बी हैं राहें /
दामन में सुमन /
पग में छाले।