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हाइकु / अशोक कुमार शुक्ला
Kavita Kosh से
देश के हालात को बयां करते हाइकु
(1)
दहला देश
धमाकों की बिसात
पुराने हाथ
(2)
बिकाऊ निष्ठा
कोई न पाया भाँप
आस्तीनी साँप