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हाइकु / रेखा राजवंशी

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1
नाज़ुक कली
बड़े प्यार से पली
मिश्री की डली
2
हो गई बड़ी
बच्ची, बन तितली
लो उड़ चली
3
माँ के घर से
पराए घर चली
बेटी की डोली
4
मन उदास
घर आँगन सूना
बची है आस
5
मन की वीणा
भावों के तार पर
बजने लगी
6
तेरी स्मृति
फूलों के गुच्छों जैसी
सजने लगी