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हाइकु 140 / लक्ष्मीनारायण रंगा

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किणी न किणी
फ्रेम कसियोड़ा हां
आपां सगळा


नईं पैछाण
आज रै मिनख री
सिंथेटिक है


आथूण करै
रो-रो‘र आंख लाल
रवि आथमा