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हाइकु 147 / लक्ष्मीनारायण रंगा
Kavita Kosh से
गुळगाठां नैं
तीखा आंख-नख ई
सुळझा सकै
चैफेर घूमैं
हाड-मांस रोबोट
मिनख कठै?
थोड़ा मिनख
हुवै, खुली पोथी सा
घणा फोल्डर