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हाइकु 162 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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सो सरजण
संवट‘र रैयग्यो
इनामां नामे
मिनख धारै
इडीपस रा गुण
मिनखपणो ?
सौभागिया है
कळजुगिया हीरा
रूळै असली