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हाइकु 9 / लक्ष्मीनारायण रंगा

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सांझ रंगीली
उतरै होळै-होळै
मरूथळ में


जे फूल नैं है
जीवण रो चाव तो
लड़ो तुफाण


मैणबत्ती थूं
यूं ई मत पिघळ
उजास रच