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हाज़िरी बही / जय गोस्वामी
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पहले छीन लो मेरा खेत
फिर मुझसे मज़दूरी कराओ
मेरी जितनी भर आज़ादी थी
उसे तुड़वा दो लठैतों से
फिर उसे
कारखाने की सीमेंट और बालू में
सनवा दो
उसके बाद
सालों साल
मसनद रोशन कर
डंडा संभाले बैठे रहो।
बांग्ला से अनुवाद : विश्वजीत सेन