भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हातीं घोडा महाल खजीना / मीराबाई

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हातीं घोडा महाल खजीना दे दवलतपर लातरे।
करीयो प्रभुजीकी बात सबदीन करीयो प्रभूजीकी बात॥ध्रु०॥
मा बाप और बेहेन भाईं कोई नही आयो सातरे॥१॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर भजन करो दिन रातरे॥२॥