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हाथी / मोनिका कुमार / ज़्बीग्न्येव हेर्बेर्त
Kavita Kosh से
सच यह है कि हाथी
बहुत सम्वेदनशील और उच्च अनुभूति वाले प्राणी होते हैं,
उनकी कल्पना जंगली होती है
जिसके कारण वे कई बार अपना रूप रंग भूल जाते हैं।
जब वे पानी में उतरते हैं
तो अपनी आँखें मूँद लेते हैं,
अपनी टाँगों को देख कर निराशा के मारे वे रो देते हैं।
मैं एक हाथी को जानता था
जो मर्मर चिड़िया के प्रेम में पड़ गया।
उसका वज़न कम होने लगा,
नींद उड़ गई और अन्त में दिल टूटने से वह मर गया।
हाथी की प्रकृति से अनजान लोग यही कहते रहे कि वह मोटा था।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मोनिका कुमार